भावार्थ -
दस उपाध्यायों से बढ़कर आचार्य, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता और एक हजार पिताओं से बढ़कर एक माता होती है, माता को संसार का प्रथम और सबसे बड़ा विश्वविद्यालय माना है।
उपाध्यायान् दशाचार्य आचार्याणां शतं पिता।
सहस्रं तु पितृन् माता गौरवेणातिरिच्यते।।
(मनुस्मृति (2/145))
नियम -
हर माह की १ तारीख को ट्रस्ट के वेबसाइट और फेसबुक पेज पर एक चित्र दिया जायेगा, रचनाकारों को उस चित्र के ऊपर एक गीत लिखना होगा।
रचनाये मौलिक, अप्रकाशित, बिना किसी भूमिका की हों।
प्रतियोगिता में केवल गीत ही मान्य होंगे जिसमे न्यूनतम ३ अंतरे हो।
एक बार गीत पोस्ट हो जाने पर कोई परिवर्तन या संशोधन मान्य नहीं होगा।
रचनाकार सिर्फ एक ही गीत पोस्ट कर सकेगा।
एक बार जिसकी रचना पुरुस्कृत हो गयी, फिर उसे 3 माह के बाद ही दुबारा पुरूस्कार मिल सकेगा।
गीत को वेबसाइट पर उसी माह की २० तारीख तक पोस्ट करना होगा। उस समय सीमा के बाद किया हुआ पोस्ट मान्य नहीं होगा ।
रचनाओं के परिणाम की घोषणा माह के अंतिम सप्ताह में की जाया करेगी।
हर माह एक सर्वश्रेष्ठ रचनाकार को ट्रस्ट की ओर से एक प्रशस्ति पत्र के साथ १००१ रूपए की राशि दी जाएगी ।
जून माह की प्रतियोगिता सभी के लिए नहीं होगी। इस माह में अब तक के सभी सर्वश्रेष्ठ एवं प्रशंसनीय रचनाकार ही दिए विषय लिखेंगे इस सेमीफाइनल राउंड में उपरोक्त सभी प्रतिभागियों में से १० प्रतिभागी चयनित जायेंगे जो जुलाई माह में अपनी रचनाएँ भेजेंगे।
अगस्त माह में फाइनल राउंड होगा जिसमे पांचों प्रतिभागियों को रचना के साथ साथ ऑडियो भी भेजनी होगी।
उनमे से जिसकी रचना और प्रस्तुतीकरण सर्वश्रेष्ठ होगा उस प्रतिभाशाली सर्वश्रेष्ठ को "डा. विष्णु सक्सेना गीत सम्मान" में आयोजित कविसम्मेलन के मंच से काव्य पाठ करने का मौका मिलेगा ।
प्रतियोगिता में प्राप्त हुई समस्त कविताओं पर (रचनाकार के नाम के साथ) ट्रस्ट का कॉपी राइट होगा। जिनका ट्रस्ट कहीं पर भी उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होगा
सर्वश्रेष्ठ रचनाओं का चयन अंतराष्ट्रीय कवियों की एक टीम द्वारा किया जाएगा ।